Siliguri Express गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का सर्वे का काम पूरा हो गया। जल्द जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इस एक्सप्रेस से गोरखपुर मंडल के तीन जिलों के 111 गांवों को रफ्तार मिलेगी।
गोरखपुर से कुशीनगर
देवरिया होते हुए सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे का पहले चरण का सर्वे पूरा कर लिया गया है। हालांकि एनएचएआई के अफसरों के मुताबिक, अंतिम एलाइनमेंट में कुछ परिवर्तन भी संभव है। गोरखपुर मंडल के तीन जिलों के 111 गांवों में जल्द जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जमीन अधिग्रहण को लेकर सक्षम प्राधिकारी को नियुक्त कर दिया है। 520 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का 84 किमी हिस्सा गोरखपुर मंडल से होकर गुजरेगा Siliguri Express।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर से नार्थ ईस्ट को जोड़ने के लिए गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। एनएचएआई की तरफ से नामित फर्म द्वारा डीपीआर बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। फिलहाल पहले चरण का सर्वे पूरा हुआ है। इसमें गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिले में कुल 111 गांवों में जमीन अधिग्रहण हो सकता है। इसमें गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा तहसील के 14, कुशीनगर के हाटा तहसील के 19, कसया तहसील के 13 व तमकुहीराज तहसील के 42 गांव शामिल हैं। वहीं देवरिया जिले के सदर तहसील के 23 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा सकती है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग चार लेन का बनेगा। साथ ही ग्रीनफील्ड हाईवे के रूप में विकसित होगा। ट्रैफिक की सहूलियत के लिए बाईपास और ओवरब्रिज भी बनाएं जाएंगे Siliguri Express।
चौरीचौरा के इन गांवों में अधिग्रहण संभावित :
चौरीचौरा तहसील के अंतर्गत ब्राहिमपुर, मलमलिया, भटगांवा, बैकुंठपुर, छपरामंसूर, बिसम्भरपुर, पकड़ी, मठिया बुजुर्ग, बेलवा बुजुर्ग, मठिया पचपेड़, माड़ापार, आराजी बसडीला, डुमरीखास, बढ़या बुजुर्ग शामिल है Siliguri Express।
शामली से सीधे जुड़ जाएगा सिलीगुड़ी
गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे के साथ ही गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे को लेकर सर्वे किया जा रहा है। वहीं शामली से पंजाब को जोड़ने के लिए एक्सप्रेस-वे का काम तेजी ऐ चल रहा है। इसके बनने से गोरखपुर से शामली की दूरी करीब 200 किलोमीटर कम होगी। इसके साथ ही पंजाब और नार्थ ईस्ट एक दूसरे से जुड़ जाएंगे Siliguri Express।
एनएचएआई परियोजना निदेशक ने बताया कि प्राथमिक सर्वे के बाद जिन गांवों में अधिग्रहण प्रस्तावित है, उसे चिन्हित कर लिया गया है। लेकिन इसमें परिवर्तन संभव है। एक्सप्रेस-वे की जरूरत को देखते हुए 60 से लेकर 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चालू होने में दो से तीन महीने का समय लग सकता है।
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