project delay मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि परियोजनाओं के बजट का पुनरीक्षण कतई न करें और जो कंपनियां जनहित की परियोजनाओं में देरी करें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि ये कंपनियां नशे के सौदागरों से कम नहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन मोड में सुधार के लिए प्रमुख सचिव नियोजन की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति का गठन किया जाए। इसमें वित्त विभाग, लोक निर्माण विभाग, गृह विभाग और प्रशासनिक विभाग के एसीएस, पीएस सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईपीसी मोड में सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि परियोजनाओं के बजट का पुनरीक्षण कतई न करें और जो कंपनियां जनहित की परियोजनाओं में देरी करें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए क्योंकि ये कंपनियां नशे के सौदागरों से कम नहीं हैं project delay।
मुख्यमंत्री सोमवार को पांच कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर ईपीसी व्यवस्था में परिवर्तन, सुधार, सरलीकरण की एक उच्चस्तरीय बैठक की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि ईपीसी मोड पर प्रदेश में अक्तूबर 2020 से अगस्त 2022 तक 45 परियोजनाएं प्रारम्भ हो चुकी हैं, 74 परियोजनाओं के डीपीआर बन गए हैं। 63 का ईएफसी हो चुका है और 53 पर प्रशासनिक वित्तीय स्वीकृति मिलनी है। उन्होंने परियोजनाओं की लेट लतीफी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बची हुई विकास परियोजनाओं में आ रही समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाल कर तीव्र गति से कार्य को आगे बढ़ाएं project delay।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में जनहित की 48 परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनमें से 32 परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही हैं, जबकि 13 परियोजनाएं निर्धारित समयावधि से कुछ माह पीछे चल रही हैं। जनहित की विकास परियोजनाएं समय से पूर्ण होंगी तो जनता के पैसे की बर्बादी नहीं होगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं की सतत निगरानी करने का भी निर्देश दिया project delay।
मुख्यमंत्री ने बैठक में विभिन्न जनपदों में चल रहीं अटल आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, राजकीय विश्वविद्यालय और मेडीकल कॉलेज जैसी परियोजनाओं को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि ये परियोजनाएं बच्चों और युवाओं को एक बेहतर भविष्य देने वाली हैं। इसलिए प्रदेश में जो भी नये विश्वविद्यालय या मेडिकल कॉलेज बनें उनकी वास्तुकला आकर्षक हो और उनमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखे project delay।
परियोजनाओं का बजट पुनरीक्षण न करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं का बजट पुनरीक्षण बिल्कुल न कि जाए। पारदर्शी तरीके से डीपीआर बनाया जाए और उनकी समय सीमा भी निर्धारित की जाए। जो भी संस्था डीपीआर तैयार कर रही हो वो टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले इस पर विशेष ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित की परियोजनाओं के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन यह भी ध्यान दिया जाए कि कार्य समय पर प्रारम्भ होने के साथ ही निर्धारित समय पूरा हो। कहा कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए गलत कॉन्ट्रेक्टर का चुनाव नहीं होना चाहिए project delay।
परियोजनाओं में देरी करने वाले नशे के सौदागरों से कम नहीं
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही जनहित की विभिन्न परियोजनाओं में देरी करने वाले कम्पनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी कंपनियों को हर हाल में ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए क्योंकि यह लोग नशे के सौदागरों से कम नहीं है। उन्होंने अमेठी मेडिकल कॉलेज और पुलिस लाइन का कार्य प्रारम्भ न होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इनको अतिशीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने प्रदेश में ईपीसी मोड की परियोजनाओं से जुड़े शेयर होल्डर्स की फॉरेंसिक ऑडिट कराने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट के डीपीआर के लिए छह माह का समय तय करें और प्रोजेक्ट पूरी होने की अवधि 18-24 माह रखें। उन्होंने कहा कि ऐसी ही व्यवस्था छोटे प्रोजेक्ट के लिए बनाएं और उनके कार्य पूर्ण होने की समय सीमा भी निर्धारित करें project delay।
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