लखनऊ, जागरण संवाददाता।
ट्रिपिंग जोन उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में राजधानी का राजभवन खंड नो ट्रिपिंग जोन बनने जा रहा है। इसका पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। विधानभवन, राजभवन, गौतम पल्ली में रहने वाले वीवीआइपी और करीब तीन लाख उपभोक्ता भूल जाएंगे, बिजली कटौती क्या होती है? इस कार्य को पूरा करने के लिए करीब 12 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है ट्रिपिंग जोन।
इस व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए तीन बिजली उपकेंद्रों दारुलशफा, कूपर रोड और राजभवन को पारेषण केंद्र मार्टिनपुरवा से आने वाली लाइन से अलग-अलग करके जोड़ा जाएगा। अभी एक में कनेक्टिविटी है, एक लाइन में फाल्ट आते ही तीनों उपकेंद्र प्रभावित होते हैं। यही नहीं विधानभवन से लेकर राजभवन तक की बिजली प्रभावित होती है।
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ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने चंद दिनों पहले ही बिजली उपकेंद्रों का निरीक्षण करने के दौरान राजभवन खंड के अंतर्गत आने वाले विधानभवन व राजभवन को नो ट्रिपिंग जोन करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में राजभवन खंड ने ऐसे पचास ट्रांसफार्मर चिन्हित किए हैं, जिनमें एलटी ब्रेकर लगाया जाएगा। इससे ट्रांसफार्मर जलने की आशंका कम हो जाएगी और फाल्ट बनाने के दौरान ट्रांसफार्मर बंद नहीं करना पड़ेगा ट्रिपिंग जोन।
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नई तकनीक का प्रयोग करते हुए रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) का प्रयोग दो फीडरों को जोड़ने में किया जाएगा। 11 केवी लाइन आरएमयू लगाने का खर्च करीब साढ़े पांच लाख और 33 केवी लाइन पर आरएमयू लगाने का खर्च करीब 15 लाख आएगा। इस व्यवस्था से बटलर पैलेस में रहने वाले वीआइपी को भी बेहतर बिजली मिल सकेगी। वहीं कूपर रोड, राजभवन और दारुलशफा से पोषित तीन लाख उपभोक्ताओं को भी बेहतर आपूर्ति मिलेगी ट्रिपिंग जोन।
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मार्टिनपुरवा पारेषण से एक अलग रास्ता बनाकर तीन बिजली उपकेंद्रों में लाइन जोड़ी जाएगी। इस काम पर 101 लाख रुपये खर्च होंगे। वही जवाहर भवन, इंदिर भवन की बिजली बेहतर करने के लिए आइसोलेटर लगाए जाएंगे। इससे फाल्ट आने पर इन आइसोलेटर को खोलकर बिजली शुरू की जा सकेगी। भविष्य में दो नए बिजली उपकेंद्र भी बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। यह काम होते ही राजधानी के 26 खंडों में राजभवन खंड सबसे वीवीआइपी हो जाएगा ट्रिपिंग जोन।
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नो ट्रिपिंग जोन बनाने के लिए क्या व्यवस्थाएं होनी चाहिए, उसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। इससे बिजली व्यवस्था राजभवन खंड की चाक चौबंद हो जाएगी। -दिलीप कुमार धर द्विवेदी, अधिशासी अभियंता, राजभवन खंड
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