Conservation गाजियाबाद में निर्माणाधीन कांवड़ मार्ग के दौरान एक लाख पेड़ों को काटे जाने के बाद नए पौधे लगाने के लिए बड़े शहरों में इतनी जगह नहीं है। जबकि पेड़ कटने पर्यावरण को क्षति हुई है। मार्ग के निर्माण में हुई पर्यावरण की क्षति को पूरा करने के लिए शासन ने ललितपुर को चुना है Conservation ।

प्रतीकात्मक तस्वीर – फोटो : अमर उजाला

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गाजियाबाद में निर्माणाधीन कांवड़ मार्ग के दौरान एक लाख पेड़ों के कटने से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई ललितपुर करेगा। ललितपुर में कुल 225.23 हेक्टेयर जमीन पर एक लाख पौधे लगाए जाएंगे। जिला प्रशासन ने चार ग्राम पंचायतों में जमीन का चयन कर लिया है। मेरठ कमिश्नर का पत्र मिलने के बाद डीएम ने वन विभाग को पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं। जबकि पौधे लोक निर्माण विभाग मुहैया कराएगा Conservation ।

गाजियाबाद से हरिद्वार जाने वाले हल्के वाहनों के लिए बाईपास और कांवड़ियों के लिए करीब 111 किलोमीटर लंबे कांवड़ मार्ग का निर्माण चल रहा है। इसके निर्माण के लिए करीब एक लाख पेड़ काटे गए थे। मगर पेड़ों को काटे जाने के बाद नए पौधे लगाने के लिए बड़े शहरों में इतनी जगह नहीं है। जबकि पेड़ कटने पर्यावरण को क्षति हुई है। मार्ग के निर्माण में हुई पर्यावरण की क्षति को पूरा करने के लिए शासन ने ललितपुर को चुना है Conservation ।

शासन के निर्देश पर प्रतिभूति के रूप में एक लाख पौधे लगाने के लिए मेरठ कमिश्नर ने झांसी कमिश्नर को एक पत्र भेजा। झांसी कमिश्नर ने डीएम को एक लाख पौधे लगाने के लिए 223 हेक्टेयर जमीन मुहैया कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद वन विभाग ने 225.23 हेक्टेयर जमीन को प्रतिभूति वन के लिए चिह्नित किया है। जिले के गांव धौजरी, कपासी, जाखलौन व बघौरा में प्रतिभूति के रूप में पौधे लगाए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग पौधे खरीदकर वन विभाग को देगा। जिसके बाद वन विभाग जमीन पर पौधेरोपण कराएगा। दोनों विभाग कार्ययोजना पर तेजी से काम कर रहे हैं। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा Conservation ।

इन ग्राम पंचायतों में होगा प्रतिभूति वनीकरण

ब्लॉक – ग्राम पंचायत का नाम – आरक्षित भूमि
बिरधा – धौजरी – 122.94 हेक्टेयर
बिरधा – कपासी – 16 हेक्टेयर
बिरधा – जाखलौन – 50.44 हेक्टेयर
तालबेहट – बघौरा – 35.85 हेक्टेयर

यह है कांवड़ मार्ग परियोजना

कांवड़ मार्ग परियोजना में गाजियाबाद के मुरादनगर से उत्तराखंड के हरिद्वार तक सड़क का निर्माण हो रहा है। यह परियोजना हरिद्वार जाने वाले हल्के वाहनों के लिए बाईपास और कांवड़ियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का काम करेगी। कांवड़ यात्रा के दौरान के दौरान दिल्ली मेरठ रोड का उपयोग किया जाता है। इस मार्ग पर यातायात ज्यादा होने के चलते कांवड़ यात्रा के दौरान दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। इसे देखते हुए शासन इस परियोजना पर काम कर रहा है Conservation ।

मेरठ के कमिश्नर का पत्र मिलने के बाद डीएम ने वन विभाग को प्रतिभूति पौधे लगाने के लिए चार ग्राम पंचायतों धौजरी, कपासी, जाखलौन व बघौरा में ग्राम समाज की 225.23 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई है। जल्द ही यहां पौधरोपण किया जाएगा। –डीएन सिंह, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी

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