सार
Rakesh Sachan आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मुकदमे में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को एसीएमएम तृतीय की अदालत से दोषी करार दे चुकी है। वहीं, राकेश सचान के तीन और मुकदमों में गवाही चल रही है। दो मुकदमों में अभियोजन के गवाह पक्षद्रोही हो चुके है। वहीं, एक मुकदमे के वादी की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्री आज कोर्ट में समर्पण कर सकते हैं।
विस्तार
देशभर में हुई फजीहत और न्यायालय से कोई राहत मिलने की उम्मीद खत्म होने के बाद आखिर कैबिनेट मंत्री राकेश सचान सोमवार सुबह न्यायालय में समर्पण कर सकते हैं। इस दौरान दोष सिद्ध मंत्री को न्यायालय सजा सुनाएगा हालांकि उनके जेल जाने की उम्मीदें कम हैं। सोमवार को होने वाले घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक गलियारों में जहां हलचल तेज है Rakesh Sachan।
वहीं पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए हैं। एलआईयू भी सतर्क है। शनिवार को नौबस्ता थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मुकदमे में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध किए जाने के बाद कैबिनेट मंत्री बिना सजा सुने आदेश की प्रति लेकर ही कोर्ट से चले गए थे। मामले ने तूल पकड़ा, तो दिनभर हालात संभालने के लिए कवायदें चलती रहीं Rakesh Sachan।
देर शाम कोतवाली में तहरीर दिए जाने के बाद स्थिति साफ हो गई कि राकेश को न्यायालय से कोई राहत नहीं मिलने वाली। उन पर एक और मुकदमे की तलवार भी लटकने लगी थी। चर्चा है कि शासन के निर्देश पर तहरीर मिलने के बाद भी कोतवाली में जांच कराने की बात कहकर मुकदमा दर्ज करने से रोक दिया गया Rakesh Sachan।
रविवार को न्यायालय में अवकाश के चलते मामला लटक गया अब सोमवार को राकेश कोर्ट में समर्पण करेंगे जिसके बाद उन्हें सजा सुनाई जाएगी। कानून के जानकारों का कहना है कि सजा सुनाए जाने के बावजूद उनको जेल नहीं जाना पड़ेगा। अपील के लिए समय दिए जाने का कानूनी अधिकार है। अपील की अवधि तक के लिए उन्हें तुरंत जमानत मिल जाएगी।
कुर्सी पर मंडराया खतरा
राकेश सचान को कोर्ट दोषी करार दे चुकी है। सजा पर फैसला सुनाना है। सजा भले ही कितनी भी हो या जेल भेजने के बजाय उन्हें अपील के लिए जमानत मिल जाए लेकिन इस सबके बीच उनके लिए अपना मंत्री पद बचाना मुश्किल हो जाएगा Rakesh Sachan।
हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला
सूत्रों का कहना है कि दोपहर लगभग 12 बजे राकेश सचान के कोर्ट से जाने के बाद बार और लॉयर्स एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी और वरिष्ठ अधिवक्ता मामले को सुलझाने में लगे रहे। न्यायिक अधिकारियों से कई स्तर की वार्ताएं हुईं लेकिन इस बीच न्यायिक अधिकारी ने भी अपनी रिपोर्ट सीएमएम, जिला जज और हाईकोर्ट तक पहुंचा दी। वरिष्ठ अधिकारियों का निर्देश मिलने के बाद ही देर शाम लगभग सात बजे कोतवाली में तहरीर भेजी गई Rakesh Sachan।
राकेश सचान के तीन और मुकदमों में चल रही गवाही
कैबिनेट मंत्री राकेश सचान के खिलाफ सांसदों विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित विशेष निचली अदालत एसीएमएम तृतीय में तीन और मुकदमे भी चल रहे हैं। इनमें से दो ग्वालटोली थाने और एक कोतवाली में वर्ष 1990-91 के दौरान दर्ज हुए थे। सभी मामलों में अभियोजन की गवाही चल रही है। इन मामले के भी जल्द निस्तारण की उम्मीद है Rakesh Sachan।
पहला मुकदमा
ग्वालटोली थाने में दर्ज इस मुकदमे में राकेश सचान पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से बिजली कनेक्शन दिलाने का दबाव बनाया और न मानने पर बिजली कर्मियों से मारपीट की थी। इस मामले में तत्कालीन जेई एके जैन ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राकेश के अधिवक्ता अविनाश कटियार ने बताया कि अभियोजन की ओर से वादी मुकदमा समेत तीन गवाह पेश किए गए हैं। तीनों ही पक्षद्रोही हो गए हैं। अभियोजन की गवाही खत्म होते ही मामला अंतिम बहस पर लग जाएगा और कोर्ट फैसला सुनाएगी Rakesh Sachan।
दूसरा मुकदमा
ग्वालटोली थाने में ही दर्ज दूसरे मुकदमे में आरोप है कि परमट स्थित हिंदी भवन पर कब्जे को लेकर वर्ष 1990 में विवाद हुआ था। इसमें राकेश सचान ने साथियों के साथ मिलकर गाली-गलौज, मारपीट व बलवा किया था। अधिवक्ता अविनाश कटियार का कहना है कि चार्जशीट में कुल पांच गवाह बनाए गए थे। वादी मुकदमा की मौत हो चुकी है। दो अन्य गवाह अभियोजन की ओर से पेश किए गए हैं लेकिन वह भी पक्षद्रोही हो गए हैं। जल्द ही गवाही पूरी होने के बाद अंतिम बहस होगी और मामले का निस्तारण हो जाएगा Rakesh Sachan।
तीसरा मुकदमा
कोतवाली में राकेश सचान के खिलाफ आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज है। इसमें आरोप है कि वह चुनाव में नामांकन के दौरान रिवाल्वर लेकर घूम रहे थे। चुनाव के दौरान असलहे जमा करने होते हैं या फिर प्रशासन की अनुमति लेनी होती है लेकिन जब उनसे असलहा जमा न करने की अनुमति दिखाने को कहा गया तो वह नहीं दिखा सके थे। जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। हालांकि इस मामले में अब तक अभियोजन सिर्फ एक गवाह ही पेश कर सका है, जबकि सभी गवाह पुलिस के हैं Rakesh Sachan।
Resource: https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/kanpur/cabinet-minister-rakesh-sachan