International Friendship Day अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर मित्रों की प्रेरणादायी कहानी विपरित हालात से निपटने का हौसला देती है। विपरीत हालात में सिसवा बाजार एवं निचलौल कस्बे के दो दोस्त एक-दूसरे की मदद करते हुए आगे बढ़ते चले गए। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सिसवा के जायसवाल नगर निवासी 42 वर्षीय अमित कुमार उर्फ अमित अंजन भजन गायक हैं। इनके दोस्त 45 वर्षीय नवीन सिंह कस्बे स्टेट चौक के रहने वाले हैं। दोनों की दोस्ती 25 साल पहले हुई थी। दोनों ने हाईस्कूल तक साथ पढ़ाई की। इसके बाद अलग-अलग विद्यालय में दाखिला ले लिया। अमित बताते हैं कि वर्ष 2002 में जब पारिवारिक बंटवारे के बाद आर्थिक तंगी से गुजर रहा था तो मित्र नवीन मदद की International Friendship Day।

उन्होंने कहा कि एक दिन सिसवा रेलवे स्टेशन पर बैठा था। जेब में फूटी कौड़ी नहीं थी। घर की माली हालत ठीक नहीं थी। मित्र नवीन ढूंढते हुए मेरे पास आए। पांच सौ का नोट जेब में रखते हुए हिम्मत बढ़ाया। वर्ष 2003 में गोरखपुर में विश्वविद्यालय में एक बड़े गायक से मिलने दोस्त के साथ पहुंचा। काफी देर होने पर धैर्य ने जवाब दे दिया। मित्र ने हौसला बढ़ाते हुए रुकने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद आगे बढ़ता चला गया। अब कोई समस्या नहीं हैInternational Friendship Day।

निचलौल कस्बे के महाशय मोहल्ले के सौरभ महाशय और कोर्ट वार्ड के अनिल गहरे दोस्त हैं। वर्ष 1998 में कक्षा तीन में पढ़ने के दौरान सौरभ घर से लंच नहीं ले गए थे तो अनिल ने रोटी खिलाई थी। यहीं से दोनों की दोस्ती शुरू हुई। इसके बाद दोनों एक साथ स्कूल जाते और हर मुश्किल में हाथ बंटाते रहे। अब दोनों का अलग-अलग कारोबार है। इनकी मित्रता युवाओं के लिए मिशाल के रूप में देखी जाती हैं International Friendship Day।

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