पैदल यात्रा प्रवासी मजदूरों के सम्मानजनक जीवन के मकसद को लेकर 10 राज्यों के 5100 किमी के पदयात्रा के लक्ष्य को लेकर निकले गुजरात के नरेश सिजापति महराजगंज पहुंचे। नरेश महाराष्ट्र से गुजरात, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, झारखंड बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान की पैदल यात्रा पर है। वो भारत के अति प्रवासी मजदूर वाले राज्यों में पैदल यात्रा कर उन राज्यों में प्रवासी मजदूरों को करीब से जानना चाहते हैं। नरेश ने बताया कि 150 दिनों में 10 राज्यों के लक्ष्य को लेकर वह अभी तक 55 वें दिनों में वह 7 राज्यों को पार करते हुए उत्तर प्रदेश में लगभग 2600 किमी तक पैदल चलकर महराजगंज में पहुंचे हैं।

मुंबई से शुरू की अपनी पदयात्रा

नरेश सीजापति ने बताया कि वह मुंबई से अपनी पदयात्रा शुरू कर गुजरात के 9 जिला, मध्यप्रदेश के 13 जिला, छत्तीसगढ़ के जंगल के साथ 5 जिला, झारखंड के 4, बिहार के 6 और उत्तर प्रदेश के चार जिला होते हुए जनपद महराजगंज पहुंचे हैं। नरेश उत्तर प्रदेश के 27 जिला होते हुए वह दिल्ली पहुंचेंगे। जहां वह दिल्ली में धरना पर बैठ प्रवासी मजदूरों की समस्या से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को अवगत कराना चाहते हैं। नरेश ने कहा कि हिंदुस्तान के दिल बनाने वाले राज्यो में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,राजस्थान आदि राज्यों में प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा है पैदल यात्रा।

प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर

इन्हीं राज्यों से प्रवासी मजदूर गुजरात, महाराष्ट्र,दिल्ली जैसे बड़े राज्यों में अपनी आजीविका की खोज में प्रवास पर जाते हैं। इस लिए सभी राज्य के जिलों का पदयात्रा करते हुए फिर वह अपनी पदयात्रा गुजरात में खत्म करेंगे। 55 दिनों के अपनी पदयात्रा को सफल बताते हुए नरेश ने बताया कि इस बीच वह कई मंत्री, जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवियों से मिलकर उनको प्रवासी मजदूरों की समस्या को उनके सामने रखा पैदल यात्रा।

रास्ते में मिलने वाले मजदूरों के साथ शेयर करते हैं अनुभव

उन्होंने कहा कि साथ ही जिस जिले में जाते हैं उस जिलों से आरटीआई के माध्यम से मजदूरों के लिए बनाए गए सरकारी योजना और प्रवासी मजदूरों की जानकारी की मांग करते हैं। रास्ते में मिलने वाले मजदूरों के साथ अनुभव शेयर करते हैं। उनको प्रवास में जाते समय ध्यान रखने वाली बाते और प्रवास में न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक , शारीरिक और मानसिक हिंसा से खुद को जागृत रखने के लिए बता रहे हैं। सुबह मजदूर चौक पर जाकर मजदूरों को उनके हक अधिकार के प्रति भी जागृत करते हैं और डिस्ट्रिक्ट के डीएम से मिलकर समस्या की जानकारी देने की कोशिश करते हैं पैदल यात्रा।

मजदूरों की सूची होनी चाहिए राज्यों के पास

पदयात्रा का उद्देश्य #walkformigrant पर निकले नरेश सीजापति ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का सूची किसी राज्य के पास मौजूद नहीं रहता है। नरेश ने कहा कि मजदूर किस राज्य से मजदूरी करने किस राज्य में जा रहा है इसकी सूची दोनों राज्यों से किसी राज्य के पास नहीं होता है। जिससे ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है।बड़े बड़े कार्पोरेट घरानों द्वारा ठेकेदारों से मिल प्रवासी मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। मजदूरों को कंपनी द्वारा मिलने वाली सुविधा से वंचित होना पड़ता है। प्रवासी मजदूरों के लिए ज्यादातर राज्यो में प्रवासी मजदूरों के लिए सरकारी योजना या सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं है पैदल यात्रा।

प्रवासी मजदूरों का शोषण बंद हो

नरेश सीजापति ने बताया कि वह प्रवासी मजदूरों की सूची बनाना चाहते हैं। जिससे उनको कार्य करने वाली जगहों पर सारी सुविधा मिल सके और प्रवासी मजदूरों का शोषण बंद हो। भारत के दस राज्यो में घूम कर अलग अलग प्रकार के प्रवासी मजदूरों से मिलकर गांव में जाकर प्रवासी मजदूरों और उनके रहन सहन और उनके अनुभव के बारे में जानना और समझना उनका एक उद्देश्य है पैदल यात्रा।

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