हादसे को शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मरने वालों में बच्चे भी थे। वे रो रहे थे। चिल्ला रहे थे और हम कुछ नहीं कर पा रहे थे…मोरबी हादसे में एक चश्मदीद के शब्द…
Gujarat Bridge : “मैंने जो कुछ देखा वह दिल दहला देने वाला था… अपनी जिंदगी में इससे बुरा कभी नहीं देखा। मेरे सामने आठ महीने की गर्भवती महिला तड़प-तड़प कर मर गई। लोग केबल से लटके हुए थे और नदी में गिरते जा रहे थे…और मैं कुछ नहीं कर पा रहा था। “
यह शब्द गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के किनारे चाय बेचने वाले के हैं। लोगों को बचा न पाने की टीस उनके मन में है। रात का मंजर याद करते ही उनकी आंखें भर आती हैं। वह कहते हैं मुझे रात भर नहीं आई, मैं लोगों को बचाने की कोशिश करता रहा। फिर भी नहीं बचा सका….
Gujarat Bridge : इस चायवाले की तरह हादसे की एक और चश्मदीद हसीना कहती हैं, “हादसे को शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मरने वालों में बच्चे भी थे। वे रो रहे थे। चिल्ला रहे थे और हम कुछ नहीं कर पा रहे थे। मैं परिवार के लोगों की तरह उनको बचाने की कोशिश कर रही थी। मैंने लोगों को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपनी गाड़ी भी दी, लेकिन देर हो चुकी थी।”
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अब तक सामने आ रहीं लाशें
Gujarat Bridge : मोरबी हादसे को हुए अब तक करीब 15 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन नदी से लाशों को निकाले जाने का सिलसिला जारी है। अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में अब तक 132 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 177 लोगों को बचाया जा चुका है और कई घायल हैं।
जानबूझकर पुल हिला रहे थे लोग
Gujarat Bridge : इस हादसे में बाल-बाल बचे विजय के मुताबिक, जब वह और उनके परिजन पुल पर पहुंचे तो कुछ युवक जानबूझकर पुल को जोर-जोर से हिला रहे थे। इससे आने-जाने वालों को काफी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में विजय को लगा कि इस पुल पर रुकने में खतरा हो सकता है। इसके चलते वह और उनके परिजन बिना आगे बढ़े पुल से लौट आए। विजय ने बताया कि उन्होंने इस बारे में पुल के स्टाफ को भी जानकारी दी थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
पुल की क्षमता 100 लोगों की
Gujarat Bridge : मिली जानकारी के मुताबिक, इस पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की ही है। वहीं, इस पुल पर आने के लिए करीब 15 रुपये की फीस भी लगती है। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर कमाई के लालच में इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि घटना के वक्त करीब 400 से 500 लोग पुल पर थे। ऐसे में भारी भीड़ का बोझ पुल सह नहीं पाया और टूट गया।
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