सार
Delhi News : कल से पुरानी शराब नीति लागू हो जाएगी और पुरानी सरकारी दुकानों पर ही शराब मिलेगी। नईआबकारी नीति के तहत मिल रही छूट का आज अंतिम दिन है। बीते कई दिनों से दिल्ली के शराब विक्रेता अपना स्टॉक खाली करने में लगे हैं।
विस्तार
दिल्ली में शराब और शराब नीति पर मचे सियासी घमासान के बीच आज नई आबकारी का अंतिम दिन है। कल से पुरानी शराब नीति लागू हो जाएगी और पुरानी सरकारी दुकानों पर ही शराब मिलेगी। नईआबकारी नीति के तहत मिल रही छूट का आज अंतिम दिन है Delhi News।
बीते कई दिनों से दिल्ली के शराब विक्रेता अपना स्टॉक खाली करने में लगे हैं। छूट तो मिल ही रही है लेकिन सब जगह का हिसाब अलग है। कहीं 20 तो कहीं 30 से 40 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। आज दिल्ली के ठेकों पर अच्छी खासी भीड़ जुटने के भी आसार हैं क्योंकि नई आबकारी नीति के हिसाब से छूट का आज आखिरी दिन है Delhi News।
जानकारी के अनुसार फिलहाल सरकारी शराब की करीब 500 दुकानें खोलने की तैयारी है और आने वाले दिनों में दुकानों की संख्या बढ़ाकर 700 की जाएगी। हालांकि अभी इस बात को लेकर दुकानदारों से लेकर खरीदारों तक में भ्रम की स्थिति है कि अब दिल्ली में शराब किस दाम पर मिलेगी Delhi News।
आज रात 10 बजे के बाद प्राइवेट दुकानों का शटर हो जाएगा डाउन
मौजूदा आबकारी नीति को लेकर चल रहे बवाल के बीच अब पुरानी आबकारी नीति के तहत दिल्ली के सरकारी निगम शराब की बिक्री करेंगे। कोविड पूर्व जिस तरह से सुबह 10 बजे से रात के 10 बजे तक दुकानें खुली रहती थीं उसी तरह शराब मिलेगी। ड्राई डे की अवधि भी बढ़ जाएगी। 31 अगस्त को चूंकि सभी निजी दुकानदारों के लाइसेंस की अवधि खत्म होगी, लिहाजा मौजूदा सभी दुकानों पर ताला लग जाएगा। निगम के हाथ में होगा कि किसे वह लाइसेंस जारी कर बिक्री करने की अनुमति देता है Delhi News।
एक सितंबर से 250-300 के बीच खुलेंगी सरकारी दुकानें
आबकारी विभाग के सूत्रों के अनुसार, प्राइवेट दुकान बंद होने की स्थिति में सरकारी दुकानों पर शराब की बिक्री होगी। इसके लिए लाइसेंस जारी किया जा रहा है। चरणबद्ध तरीके से ही दुकान खुलेंगी। सूत्रों के अनुसार एक साथ 800 से अधिक दुकान खोलना मुश्किल है, लिहाजा पहले दिन 250 से अधिक दुकान खुलेंगी। पुरानी नीति के तहत ही ग्राहकों को शराब उपलब्ध कराई जाएगी। लॉटरी सिस्टम के माध्यम से लाइसेंस दिया गया है। आबकारी विभाग ने पारदर्शिता बरतने के लिए ऑब्जर्वर की नियुक्ति की है।
शराब की किल्लत के और कालाबाजारी की आशंका
मौजूद नीति को खत्म कर एक बार फिर पुरानी व्यवस्था के साथ शराब की बिक्री करने के शुरुआती दिनों में समस्या हो सकती है। मौजूदा आबकारी नीति भी जब लागू हुई थी तो अव्यवस्था देखने को मिली थी। ऐसे में कालाबाजारी भी बढ़ सकती है।
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