Black Guava काले अमरूद की खेती (Black Guava farming): बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU)
ने अमरूद की एक नई किस्म विकसित करने में सफलता पाई है। यह किस्म पूरी तरह से काला (Black) है। इस काले अमरूद (Black Guava) की पत्तियां भी अन्य अमरूद से अलग काफी खूबसूरत है। अमरूदमें अंदर का गूदा लाल है। अमरूद की इस अनूठी किस्म ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है।
Black Guava शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसके एंटी-एजिंग फैक्टर और रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य फलों से ज्यादा होने के कारण लोग इसे पसंद करेंगे। अमरूद की इस विशेष किस्म में एंटीऑक्सिडेंट, मिनरल्स और विटामिन से भरपूर होने का दावा किया जा रहा है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. एम. फेजा अहमद ने बताया कि
तीन साल पहले इस अमरूद के पौधे को लगाया गया था। जिसमें अब फल लग गए हैं। ये अमरूद अगस्त-सितंबर तक पूरी तरह से पक जाएगा।
काले अमरूद की खेती में अपार संभावनाएं
डॉ. फेजा अहमद ने कहा कि काले अमरूद की खेती में अपार संभावनाएं हैं। इस अमरूद की गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुसंधान हो रहा है। जल्द ही इसका व्यवासायिक उत्पादन शुरू होगा। जिससे किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा।
भारत की मिट्टी है काले अमरूद के लिए काफी अनुकूल
विशेषज्ञों के अनुसार इसकी खेती भी सामान्य अमरूद की तरह की जा सकती है। अभी इसे बिहार राज्य में प्रयोग के तौर पर उगाया गया है। इस अमरूद के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, क्योंकि यहां की जलवायु और मिट्टी इस अमरूद के लिए काफी अनुकूल है। इस अमरूद के व्यवसायिक इस्तेमाल होने से मांग बढ़ेगी। भविष्य में हरे अमरूद की तुलना में इसका व्यवसायिक मूल्य ज्यादा होगा, जिससे किसानों को कम मेहनत में अधिक फायदा मिल सकेगा।
काले अमरूदे के गुण
- हरे अमरूद की तुलना में इसका पोषण वैल्यू 10 से 20 प्रतिशत अधिक
- काला अमरूद में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स की भरपूर मात्रा
- रोगप्रतिरोधक क्षमता अधिक, कोरोना काल में बढ़ाएगा इम्यूनिटी
- बुढ़ापा आने से रोकता है यह फल
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